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Showing posts from June, 2019

Dangal Fame Zaira Wasim says she is quitting her acting career as it is leading her away from faith..

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Dangal Fame Zaira Wasim says she is quitting her acting career as it is leading her away from faith.. On her facebook post 18 years young Kashmiri- Born actor said she realised "Though I May fit here perfectly,  but I Do not belong here." National Award-winning actor Zaira Wasim on Sunday announced her "disassociation" from the field of acting, saying she was not happy with the line of work as it interfered with her faith and religion. In a detailed post on her Facebook page, which she later shared across all social media platforms, the Kashmiri-born Dangal fame star said she realised "though I may fit here perfectly, I do not belong here". "Five years ago, I made a decision that changed my life forever. As I stepped my foot in Bollywood, it opened doors of massive popularity for me. I started to become the prime candidate of public attention, I was projected as the gospel of the idea of success and was often identified as a role model f...

अपने अपने गीत...

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अपने विद्यालय के पास एक पेंड़ के नीचे छाँह में खड़े हुए तो पहले से बैठे बुजुर्ग ने बात छेड़ने के लिए कहा, "धूप देख रहे हैं मास्टर साहेब! ऐसे मौसम में क्या खेती होगी?"     मेरी आँखे यूँ ही आसमान की ओर उठ गयीं। आसाढ़ का महीना है पर आकाश से आग बरस रही है। युगों पूर्व ऐसे ही किसी आसाढ़ में कालिदास के यक्ष ने एक मेघ से अपनी प्रिया को पाती भेजा थी... "संतप्तानां त्वमसि शरणम तत्पयोद प्रियायाः..."     सोचता हूँ, कितना निश्चिन्त होगा वह यक्ष, न खेती की चिंता न बेटी की चिंता। न बेटे की पढ़ाई, न धान की बुआई। सिर्फ प्रेयसी को याद करना ही काम था, सो आये हुए मेघ को भी भगा रहा था। एक यह बूढ़ा किसान है जिसे न प्रेम का समीकरण पता है न यादों की परिभाषा। इसे यदि मेघ साक्षात मिल भी जाये तो पैर पकड़ कर कहेगा, "पहले हमरे खेत में बरस जाइये बादल देवता! हम आपको अपने खेत की पहली बाली चढ़ाएंगे। इस साल जदि फसल न हुई तो सिमवा का बियाह न हो पायेगा।"       कालिदास का यक्ष देवराज के दरबार का अधिकारी था, उस युग का आईएस। यह बेचारा किसान है, सदा का दलिद्दर। सम्पन्नता जिस स्थिति में प्र...

"मुजफ्फरपुर हमारे सामूहिक शर्म का उत्सव है, जिसे हम मनाना नहीं चाहते।"

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आप नीतीश जी को गाली दे या मोदी जी को या किसी अन्य को, लेकिन सच यह है कि जब आम जन के अंदर के मानवता मरती है, तभी बच्चे मरते है। ------------------------------------------------------------- "मुजफ्फरपुर हमारे सामूहिक शर्म का उत्सव है, जिसे हम मनाना नहीं चाहते।" ----------------------------------------------------------------------- रिपोर्ट कहती है कि चमकी बुखार से वे ही बच्चे पीड़ित हैं जिन्हें उचित पोषण नहीं मिला। चमकी बुखार उन्हीं बच्चों पर ज्यादा असर डाल रहा है जो कुपोषित हैं। सरकार स्कूलों में मध्याह्न भोजन देती है, आंगनबाड़ी द्वारा पोषाहार बंटवाती है, हर विपन्न परिवार को प्रतिमाह राशन उपलब्ध कराती है। इस कार्य के लिए हर जिले में अरबों रुपये खर्च होते हैं। फिर भी बच्चे कुपोषित हैं। इन अरबों रुपयों में सैकड़ों अफसरों, कर्मचारियों की हिस्सेदारी है... इनमें कोई शर्मिंदा होना नहीं चाहता। मुजफ्फरपुर में मरने वाले बच्चों में 80% लड़कियां हैं। मतलब साफ है कि बच्चियां बच्चों से अधिक कुपोषण की शिकार हैं। आप सौ बार नकारिये, पर यह सच्चाई है कि ग्रामीण निम्नवर्ग लड़कियों के साथ न...

गौरी लंकेश की हत्या मामले में गिरफ्तार शरद कालसकर का अगला निशाना थे बाॅम्बे उच्च न्यायालय के पूर्व जज जस्टिस बीजी कोलसे पाटिल

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पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या मामले में पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार शरद कालसकर ने नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्याओं में भी शामिल होने की बात स्वीकार करने के साथ खुलासा किया है कि उसका अगला निशाना बाॅम्बे उच्च न्यायालय के पूर्व जज जस्टिस बीजी कोलसे पाटिल थे. इस खुलासे के बाद डॉ.नरेंद्र दाभोलकर के साथ काम कर चुके जस्टिस पाटिल ने  एनडीटीवी  से बात करते हुए कहा कि इसमें कोई हैरानी नहीं है. यह हमारे लिए नया नहीं है, यह बात सभी जानते थे. उन्होंने कहा कि पुनालेकर ने उन्हें एक लाइव टीवी कार्यक्रम में धमकी दी थी और अक्सर पत्र भेज कर धमकी देते रहते थे, मैंने सब पत्र पुलिस को सौंप दिए हैं. न्यायमूर्ति पाटिल ने कहा कि इन धमकियों के बावजूद, उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई थी. यहां तक कि कालसकर द्वारा मेरे नाम का खुलासे होने के बाद भी किसी ने मुझे सुरक्षा देने के बारे में नहीं सोचा.जबकि नागपुर और फिर पुणे बार एसोसिएशन और अहमदनगर बार एसोसिएशन ने इसके खिलाफ आंदोलन किया.” जस्टिस पाटिल ने कहा कि पिछले 3-4 महीने से उन्हें राज्य की विशेष सुरक्षा इकाई से एक...